बेसहारा एवं लावारिस गायों, बछड़ों, बैलों के लिए आश्रय की व्यवस्था करना तथा गौशाला का निर्माण हमारा मुख्य कार्य है ,जहां उन्हें हरा चारा, भूसा, दलिया, दवा आदि सभी प्रकार की सुविधाएं मिल सकें।गायों को गौ तस्करों एवं बूचड़खानों से बचाकर गौशाला में सुरक्षित रखा जा सके।

जब तक गाय माता दूध देती है तब तक हम उन्हें पालते हैं, जैसे ही वो दूध देना बंद कर देती हैं उन्हें सड़कों पर कूड़ा-कचरा खाने के लिए छोड़ दिया जाता है। अगर गाय बछड़े को जन्म दे तो बछड़ों का कोई उपयोग नहीं होता, क्योंकि वो दूध नहीं देते इसलिए उन्हें भी सड़कों पर छोड़ दिया जाता है और उनमें से कुछ सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं और कुछ को कसाई उठा ले जाते हैं।

आवाराऔर अनाथ गायों को भोजन, आश्रय और दवा प्रदान करके उनकी देखभाल करना है
हम उन्हें घास, आटा, ताजी घास, साफ पानी, चिकित्सा देखभाल और आश्रय प्रदान करते हैं।

आप एक गाय को गोद ले सकते हैं और इस प्रकार
गो-सेवा की जिम्मेदारी निभा सकते हैं।
यदि कोई गाय को गोद लेने में सक्षम नहीं है,
तो उसे कम से कम अपनी क्षमता के अनुसार गायों के
रखरखाव के लिए कुछ योगदान देना चाहिए।

गौशाला में बीमार, दुर्घटनाग्रस्त अंधे गौ वंश का ईलाज व
उनकी अच्छी तरह से देख भाल व ईलाज किया जाता है ।
यह गौशाला आपके सहयोग से ही चलती है यहां पर को
ई वितिय सहायता नहीं मिलती व न
ही कोई इनकम का स्रोत है।
आशा करते हैं कि आप ज्यादा से ज्यादा सहयोग करें